
राठौड़ का बड़ा बयान: देवनानी ने की विधानसभा की मर्यादा भंग"
पूर्व आरटीडीसी अध्यक्ष धर्मेंद्र राठौड़ ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि देवनानी एक संवैधानिक पद पर होने के बावजूद पक्षपातपूर्ण रवैया अपना रहे हैं और अपने ही पार्टी नेताओं को निशाना बना रहे हैं।
राठौड़ ने आरोप लगाया कि देवनानी ने कांग्रेस विधायकों को बिना वजह निलंबित किया और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा की अनुपस्थिति में आपत्तिजनक टिप्पणी की। वहीं, अंता के भाजपा विधायक कंवरपाल पर तीन साल की सजा के बावजूद उनकी सदस्यता रद्द नहीं की गई, जबकि सुप्रीम कोर्ट की स्पष्ट गाइडलाइंस मौजूद हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि विशेषाधिकार समिति के अध्यक्ष के तौर पर कांग्रेस नेता नरेन्द्र बुढ़ानिया को केवल 15 दिन में ही हटा देना भी लोकतांत्रिक परंपराओं के खिलाफ है।
राठौड़ ने आरोप लगाया कि देवनानी अजमेर में सिर्फ उद्घाटन और घोषणाओं तक सीमित हैं, जबकि जमीनी स्तर पर कोई विकास नहीं हो रहा। बारिश में जलभराव, गर्मियों में पेयजल संकट और नालों की सफाई जैसे मुद्दे अब भी जस के तस हैं। सरकारी योजनाएं और अस्पतालों की हालत भी खराब है – आरजीएचएस योजना के तहत पर्चियां नहीं बन रही हैं और जेएलएन अस्पताल में बुनियादी सुविधाएं तक नहीं मिल पा रही हैं।
दरगाह क्षेत्र में कुछ समुदायों को बेवजह उजाड़ने और जमीनों का जबरन सर्वे कराने की साजिश का आरोप भी राठौड़ ने लगाया। उन्होंने कहा कि नगर निगम का परिसीमन भी पूरी तरह राजनीतिक लाभ के उद्देश्य से किया गया है।
धर्मेन्द्र राठौड़ ने डिप्टी मेयर नीरज जैन की ओर से कांग्रेस के खिलाफ सोशल मीडिया पर की गई आपत्तिजनक पोस्ट का मुद्दा उठाते हुए पुलिस पर भी कार्रवाई न करने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि इस संबंध में एसपी से मिलकर एफआईआर की मांग भी की गई थी।
अंत में, राठौड़ ने मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह का मामला उठाते हुए कहा कि उन्होंने कर्नल सोफिया कुरेशी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बावजूद भाजपा ने अब तक उन्हें मंत्री पद से नहीं हटाया। यह भाजपा के असली चेहरे को उजागर करता है।